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भारतीय नौसेना के पोत थाईलैंड का दौरा करेंगे

भारतीय नौसेना के पोत थाईलैंड का दौरा करेंगे

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के पोत तीर, सुजाता, सेल ट्रेनिंग शिप (एसटीएस) सुदर्शनी भारतीय तटरक्षक बल के पोत वरुण सहित प्रथम प्रशिक्षण बेड़ा फुकेट, थाईलैंड में दाखिल हो गया है। यह बेड़ा स्प्रिंग टर्म 16 के दौरान विदेशी तैनाती के अंग के रूप में 08 अप्रैल, 2016 तक फुकेट में रहेगा। प्रथम प्रशिक्षण बेड़े (1 टीएस) के वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन एसआर अय्यर आईएनएस तीर पर मौजूद रहेंगे।

प्रथम प्रशिक्षण बेड़ा (1 टीएस) दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) का अंग है और इसमें भारतीय नौसेना के पोत तीर, शार्दुल, सुजाता, आईसीजीएस वरूण और दो सेल ट्रेनिंग शिप (एसटीएस) सुदर्शनी और तरंगिनी शामिल हैं। ये सभी भारत में निर्मित हैं। इस बेड़े का प्राथमिक लक्ष्य नौसेना और तटरक्षक बल के प्रशिक्षुओं को सामुद्रिक प्रशिक्षण देना है, साथ ही 24 सप्ताह का प्रारंभिक सामुद्रिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। सभी प्रशिक्षुओं को समुद्र के कठोर जीवन का अनुभव कराते हुए नाविककला, नेवीगेशन, पोत चालन, नौका संबंधी कार्यों, तकनीकी पहलुओं आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि उनमें सामुद्रिक तौर तरीकों में ढल पाने की क्षमता विकसित हो सकें।

दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) भारतीय नौसेना की प्रशिक्षण कमान है, जो भारतीय नौसेना के अधिकारियों और नाविकों को बुनियादी और अत्‍याधुनिक प्रशिक्षण मुहैया कराती है। वाइस एडमिरल गिरीश लुथरा, एवीएसएम, वीएसएम दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ हैं। भारतीय नौसेना मित्र देशों के कर्मियों को 4 दशक से ज्यादा अरसे से प्रशिक्षण प्रदान कर रही है, जिसके तहत 40 से ज्यादा देशों के 13,000 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। भारत और थाईलैंड के बीच विभिन्न गतिविधियों और संपर्कों के व्यापक दायरे वाले करीबी, दीर्घकालिक संबंध रहे हैं, जो समय के साथ और प्रगाढ़ हो गये हैं। फुकेट में प्रशिक्षण बेड़े की तैनाती व्‍यापक सामुद्रिक सम्‍पर्क का अवसर प्रदान करेंगी, समुद्र में व्यवस्था कायम करने में योगदान देगी और दोनो देशों तथा दोनो नौसेनाओं के बीच संबंधों को और ज्यादा मजबूती प्रदान करेंगी।

इस ट्रेन की बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विमानों की तरह एयरहोस्टेस की सुविधा भी होगी। रेलगाड़ी में 12 वातानुकूलित डिब्बे हैं और इसके हर डिब्बे में परिचारिकाएं होंगी। साथ ही यह मुफ्त वाईफाई, ऑटोमेटिक दरवाजे और आरामदायक यात्रा के लिए कई अन्य सुविधाओं से लैस है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, स रेलगाड़ी के शुरू करने से देश में तेज रफ्तार रेलगाडियों के एक नए युग का सूत्रपात हुआ है। रेलमंत्री ने अपने रेल बजट में पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी दोनों की गति बढ़ाने पर जोर दिया था।

Updated : 5 April 2016 12:00 AM GMT
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